प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली योजना है जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को बुडापे (60 वर्ष के बाद) मे जब उनका शरीर भारी काम करने के लिए उपयुक्त नहीं होता एसी स्थिति मे वे अपना जीवन सम्मान से जी सके इस बात को ध्यान मे रख कर प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) को शुरू किया गया है ।
अगर आप भी असंगठित क्षेत्र के श्रमिक वर्ग से आते है तो आप बिलकुल सही जगह आए है यहा हम आपको बहुत ही आसान शब्दों मे क्रमवार रूप से इस योजना से जुड़ी सारी जानकारी जो आपको आवेदन के लिए पता होना चाहिए बताने जा रहे है ।
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प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना के लिए योग्यता
इस योजना का लाभ लेने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित तीन बिन्दुओ का पूरा होना जरूरी है
- यह योजना असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए ही है ।
- योजना के अंतर्गत केवल वे ही श्रमिक आवेदन कर सकते है जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है ।
- आवेदन करने वाले श्रमिक कि मासिक आय 15000/- या उससे कम होना चाहिए ।
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना कि विशेषताएं
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना मुख्य तीन विशेषताएं है :-
- 60 वर्ष कि आयु पूर्ण कर लेने के बाद 3000/- रुपए प्रति महिना पेंशन के रूप मे श्रमिक के बैंक खाते मे आने लगेंगे ।
- यह एक स्वेच्छिक ओर अंशदायी योजना है ।
- इस योजना मे भारत सरकार बराबर का योगदान देगी जिसका मतलब यह है कि जितना पैसा श्रमिक अंशदान के रूप मे देगा उतना ही पैसा सरकार भी मिलाएगी ।
Note :-
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना निम्नलिखित योजनाओ के अंतर्गत आती है :-
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना
- राष्ट्रीय पेंशन योजना – व्यापारी और स्व-रोज़गार व्यक्ति
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना के अंतर्गत श्रमिक व्यक्ति को जो कि 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के आवेदकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह तक मासिक योगदान करना होगा।
यदि किसी आवेदक ने लगातार योगदान का भुगतान नहीं किया है, तो उसे सरकार द्वारा तय किए गए दंड शुल्क, यदि कोई हो, के साथ-साथ संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान करके अपने योगदान को नियमित करने की अनुमति दी जाएगी।
एक बार जब लाभार्थी 18-40 वर्ष की प्रवेश आयु में योजना में शामिल हो जाता है, तो लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु तक योगदान करना होता है। 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर, ग्राहक को पारिवारिक पेंशन के लाभ के साथ 3000/- रुपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन डीबीटी द्वारा प्राप्त होगी, जैसा भी मामला हो।
लाभार्थी को ग्राहक सेवा नंबर 1800 2676 888 (24*7 उपलब्ध)। वेब पोर्टल/ऐप में शिकायत दर्ज कराने की भी सुविधा होगी।
Note :- प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना पर किसी भी संदेह के मामले में, संयुक्त सचिव और महानिदेशक (श्रम कल्याण) द्वारा प्रदान किया गया स्पष्टीकरण अंतिम होगा।
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना के फ़ायदे/लाभ !
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना से होने वाले प्रमुख फ़ायदे जो इस योजना को इतना खास बनाते है निम्नलिखित है
- 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन 3000/- रुपये प्रति माह।
- यदि आवेदक की 60 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु हो जाती है, तो पति/पत्नी योजना जारी रखने का हकदार होगा और 50% राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
- एक बार जब आवेदक 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है, तो वह पेंशन राशि का दावा कर सकता है। हर महीने एक निश्चित पेंशन राशि संबंधित व्यक्ति के पेंशन खाते में जमा हो जाती है।
- यदि वह 10 वर्ष से कम अवधि के भीतर योजना से बाहर निकलता है, तो लाभार्थी के हिस्से का योगदान केवल बचत बैंक ब्याज दर के साथ उसे वापस कर दिया जाएगा।
- यदि ग्राहक 10 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के बाद लेकिन 60 वर्ष की आयु से पहले बाहर निकलता है, तो लाभार्थी के योगदान का हिस्सा संचित ब्याज के साथ-साथ वास्तव में फंड द्वारा अर्जित या बचत बैंक ब्याज दर जो भी अधिक हो, पर दिया जाएगा।
- यदि किसी लाभार्थी ने नियमित योगदान दिया है और किसी भी कारण से उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसका जीवनसाथी नियमित योगदान का भुगतान करके योजना को जारी रखने का हकदार होगा या लाभार्थी के योगदान को संचित ब्याज के साथ प्राप्त करके बाहर निकल सकता है, जैसा कि वास्तव में फंड द्वारा अर्जित किया गया है या बचत बैंक ब्याज दर जो भी अधिक हो.
- यदि किसी लाभार्थी ने नियमित योगदान दिया है और 60 वर्ष से पहले किसी भी कारण से स्थायी रूप से अक्षम हो गया है, और योजना के तहत जारी रखने में असमर्थ है, तो उसका जीवनसाथी नियमित योगदान का भुगतान करके योजना को जारी रखने या योजना से बाहर निकलने का हकदार होगा। लाभार्थी का योगदान वास्तव में निधि द्वारा अर्जित ब्याज के साथ या बचत बैंक ब्याज दर पर, जो भी अधिक हो।
- ग्राहक और उसके पति/पत्नी की मृत्यु के बाद, पूरी राशि वापस फंड में जमा कर दी जाएगी।
योजना के लिए अयोग्यता/अपात्रता के नियम :-
- आवेदक income tax भरता हों तो वह योजना के लिए अपात्र माना जाएगा ।
- आवेदक जो ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) से लाभ लेने वाला है अपात्र माना जाएगा ।
- आवेदक जो EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) का सदस्य है अपात्र माना जाएगा ।
प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना के आवेदन कि प्रक्रिया :-
इस योजना के लिए आवेदक को online आवेदन करना होगा ओर वह यह online आवेदन दो तरह से कर सकेगा
- Online
- Online भारत सरकार के कॉमन सर्विस सेंटर (csc) के द्वारा
मुख्य रूप से समझे तो आवेदन आपको अपने नजदीकी साइबर पर जाकर करना होगा क्यों कि आवेदन के दोरान आपको सत्यापन कि जरूरत होगी जो कि scanner मशीन के माध्यम से होता है ।
आवेदन कि प्रक्रिया :-
- आवेदक के पास दो डॉक्युमेंट्स आवेदन के समय साथ मे होना जरूरी है
- आधार कार्ड
- बैंक अकाउंट(जनधान खाता /बचत खाता )
Note :- बैंक अकाउंट के प्रमाण के रूप मे आवेदक के पास बैंक पासबूक /चैक बुक या बैंक स्टैट्मन्ट कि कॉपी होना आवश्यक है ।
- प्रारम्भिक योगदान राशि नगद के रूप मे VLE (ग्राम स्तरीय उद्यमी) को दी जाएगी ।
- VLE आधार कार्ड के सत्यापन के लिए आधार कार्ड पर दिया हुआ नाम आधार संख्या तथा जन्म तिथि सिस्टम मे डालेगा ।
- इसके बाद VLE अकाउंट नंबर आधार नंबर मोबाईल नंबर तथा Email सिस्टम मे डालेगा इसी के साथ यदि कोई नामांकित व्यक्ति(वारिस)है तो उसकी भी जानकारी लेगा ।
- पात्रता शर्तों के लिए स्व-प्रमाणन अर्थात स्वयं सत्यापन किया जाएगा।
- सिस्टम लाभार्थी कि उम्र के अनुसार स्वयं ही योगदान राशि कि गणना करेगा।
- इसके बाद सिस्टम एक ऑटो डेबिट फॉर्म प्रिन्ट करेगा जिसे लाभार्थी के द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा फिर हस्ताक्षर किए हुवे फॉर्म को VLE स्कैन करेगा और सिस्टम में अपलोड करेगा।
- अंत मे ये सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सिस्टम श्रम योगी पेंशन खाता संख्या (SPAN) बना देगा तथा साथ ही VLE श्रम योगी कार्ड प्रिन्ट करके देगा ।
इसी के साथ आवेदन कि प्रक्रिया पूर्ण हों जाएगी ओर जो भी योगदान राशि आवेदक के द्वारा देय तय हुई होगी वह उसे अपने बैंक खाते मे रखना होगी ताकि हर महिने कि निर्धरित तारिक पर वो पैसा श्रम योगी पेंशन खाते के लिए योगदान राशि के रूप मे कट सके ।
Note :- आपसे अनुरोध है कि इस योजना से जुड़ी जानकारी जो हमने आपके साथ साझा कि है मे संभवतः कही कोई कमी रह सकती है या हमसे कुछ त्रुटि हों सकती है इस लिए आप योजना से संबंधित आधिकारिक वेबसाईट पर जाकर भी देखे ।
इस लेख का सारांश (Conclusion):-
इस पूरे आलेख से आपने देखा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए कैसे एक महत्वपूर्ण योजना है जो उन्हें वृद्धावस्था में समृद्धि से जीने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना उनको सुनिश्चित मासिक पेंशन के साथ समर्पित है, जिससे वे अपने बुढ़ापे को आराम से बिता सकते हैं।
समझदारी से यह योजना के लाभ, योग्यता और आवेदन प्रक्रिया को समझाया गया है, ताकि इच्छुक श्रमिक आसानी से इससे जुड़ सकें। हम आपसे योजना के संपूर्ण विवरण को ध्यान से पढ़कर इसका सही उपयोग करने का सुझाव देते हैं। यह एक श्रमिक के जीवन को सुधारने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उसे सुरक्षित और समर्थनपूर्ण बनाता है।
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FAQs :-
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन 15000 रुपये या उससे कम की मासिक आय वाले 18 से 40 वर्ष की आयु वाले असंगठित श्रमिकों के लिए एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
इस योजना की सदस्यता कौन ले सकता है?
18-40 वर्ष के आयु वर्ग का कोई भी असंगठित श्रमिक, जिसका काम आकस्मिक प्रकृति का है, जैसे घर आधारित श्रमिक, सड़क विक्रेता, हेड लोडर, ईंट भट्ठा, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, ग्रामीण भूमिहीन मजदूर, स्वयं के खाते के श्रमिक, कृषि श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, आदि जिनकी मासिक आय 15,000/- रुपये से कम है। कर्मचारी को किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना जैसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन योजना के तहत कवर नहीं किया जाना चाहिए और वह आयकर दाता नहीं है।
इस योजना का क्या लाभ है?
यदि कोई असंगठित श्रमिक इस योजना की सदस्यता लेता है और 60 वर्ष की आयु तक नियमित योगदान देता है, तो उसे न्यूनतम मासिक पेंशन रु। 3000/-. उसकी मृत्यु के बाद, पति या पत्नी को मासिक पारिवारिक पेंशन मिलेगी जो पेंशन का 50% है।
लाभार्थी कितने वर्षों तक योगदान देगा?
एक बार जब लाभार्थी 18-40 वर्ष की प्रवेश आयु में योजना में शामिल हो जाता है, तो उसे 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक योगदान करना होता है।
क्या होगा यदि श्रमिक एक असंगठित श्रमिक के रूप में इस योजना में शामिल होता है और वह संगठित क्षेत्र में शामिल हो जाता है, ईपीएफओ के तहत नामांकित हो जाता है और फिर से असंगठित क्षेत्र में वापस आ जाता है, तो इसके लिए तौर-तरीके क्या होंगे?
यदि श्रमिक असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में चला जाता है, तो ऐसी स्थिति में, लाभार्थी सरकार के बावजूद योजना जारी रख सकता है। अंशदान बंद हो जाएगा और सदस्य को सरकार के बराबर अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। शेयर करना। वैकल्पिक रूप से, वह अपना योगदान ब्याज सहित वापस ले सकता है।
क्या लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु तक मासिक अंशदान का भुगतान करना आवश्यक है?
हाँ। योजना से जुड़ने के बाद लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु तक निर्धारित मासिक अंशदान देना होगा।