कन्या विवाह सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार के संबंध मे पूरी जानकारी आपको यहा मिलेगी ।
- अगर आप को कन्या विवाह सहायता योजना के संबंध मे सरल शब्दों मे विस्तृत जानकारी की तलाश है तो अब आप निश्चिंत हों जाइए हम आपकी पूरी सहायता नीचे आने वाले खंड मे क्रमवार तरीके से करने जा रहे है
- अगर आपको हमारा यह प्रयास अच्छा लगता है तो हमे कमेन्ट करके जरू बताए एवं कोई सुझाव हों तो वह भी कमेन्ट मे लिखें जिससे हमे आपकी सहायता ओर भी बेहतर तरीके से करने के लिए आवश्यक सुधारों के साथ आपके लिए योजनाओ का सरल रूप मे विश्लेषण लेकर आ सकें ।
1. कन्या विवाह सहायता योजना की जानकारी
दोस्तों कन्या विवाह सहायता योजना का उद्देश्य उत्तरप्रदेश के ऐसे मूलनिवासी जो कि भवन निर्माण या अन्य निर्माण प्रक्रियाओ मे काम करने वाले मजदूरों /महिला मजदूरों को उनकी विवाह योग्य(18 वर्ष से अधिक) लड़की की शादी के लिए आर्थिक सहायता पहुचना है तथा अवैध प्रथाओं को नियंत्रित करने के लिए वयस्क विवाह जैसी कानूनी व्यवस्था को प्रोत्साहित करना है।
लाभार्थी होने के लिए आवेदक को निम्नलिखित योग्यता पूर्ण होना आवश्यक है
- वे सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिक इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे, जो बोर्ड के नवीनतम विधिवत पंजीकृत सदस्य हों।
- ऐसे पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री अथवा स्वयं पंजीकृत महिला श्रमिक की आयु बोर्ड द्वारा निर्धारित आयु से कम नहीं होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत ऐसे अद्यतन पंजीकृत निर्माण श्रमिक जिन्होंने पंजीकरण के बाद कम से कम 01 वर्ष (365 दिन) की बोर्ड सदस्यता अवधि पूरी कर ली हो, लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत एकल विवाह अर्थात ऐसा विवाह जो कि व्यक्तिगत तोर पर सम्पन्न कराया गया हों एवं सामूहिक विवाह अर्थात ऐसा विवाह जो किसी संस्था (सरकारी /गैरसरकारी) के द्वारा सम्पन्न कराया गया हों को भी लाभ के लिए मान्यता दी गई है
विवाह सम्पन्न होने के एक वर्ष के अन्दर लोक सेवा केन्द्र/बोर्ड की वेबसाइट पर समस्त आवश्यक अभिलेखों के साथ आवेदन करना होगा, लेकिन सामूहिक विवाह की स्थिति में आवेदन तिथि से 15 दिन पूर्व भी किया जा सकता है। शादी के लिए तय हुआ. आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा।
2. कन्या विवाह सहायता योजना के फ़ायदे
- सभी आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूर्ण करने पर पंजीकृत निर्माण श्रमिक को उसकी स्वयं की पुत्री अथवा पंजीकृत निर्माण महिला श्रमिक के विवाह के लिए आर्थिक सहायता के रूप मे रुपए 55000/-(पचपन हजार रुपए) दिए जाएंगे ।
- अंतरजातीय विवाह के लिए रु. आर्थिक सहायता के रूप में 61,000/- (इकसठ हजार रूपये मात्र) की धनराशि प्रदान की जायेगी।
- सामूहिक विवाह के मामले में, एक ही स्थान पर न्यूनतम 11 जोड़ों का विवाह एक साथ आयोजित होने की स्थिति में, बोर्ड द्वारा बेटी की शादी के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 65,000 (पैसठ हजार रूपये मात्र) प्रदान किये जायेंगे
- सामूहिक विवाह भी वित्तीय सहायता के रूप में आयोजित किया जायेगा। बोर्ड द्वारा आयोजक को प्रति जोड़ी रूपये 7,000/- की दर से व्यय का भुगतान किया जायेगा।
- वर एवं वधु की पोशाक क्रय हेतु धनराशि सामूहिक विवाह की प्रस्तावित तिथि से 1 सप्ताह पहले 5000/- प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक के खाते में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे
- पंजीकृत महिला श्रमिकों के स्व-विवाह की स्थिति में भी उपरोक्तानुसार लाभ की राशि इस शर्त के साथ देय होगी कि उसके पिता/माता को इस मद में राशि प्राप्त न हुई हो।
- पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के पुनर्विवाह की स्थिति में यह लाभ केवल उसी स्थिति में देय होगा जब उसका विवाह कानूनी रूप से तलाकशुदा हो या उसके पति की मृत्यु के बाद उसका पुनर्विवाह किया जा रहा हो। तलाक के मामलों में सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के निर्णय की सत्यापित प्रति और पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह के मामले में सक्षम स्तर से जारी पति के मृत्यु प्रमाण पत्र की एक प्रति आवश्यक अभिलेख के रूप में आवश्यक होगी। पुनर्विवाह के मामलों में देय लाभ की राशि सामूहिक विवाह के मामलों में देय राशि के बराबर होगी।
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3. कन्या विवाह सहायता योजना के लिए पात्रता/योग्यता
- निर्माण श्रमिक द्वारा पंजीकरण के बाद बोर्ड की सदस्यता अवधि कम से कम 365 दिन पूर्ण होनी चाहिए।
- विवाह के एक वर्ष के भीतर एवं सामूहिक विवाह के मामले में 15 दिन पहले आवेदन का प्रावधान किया गया है।
- लाभार्थी श्रमिक की पुत्री का आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
- कन्या विवाह सहायता योजना का लाभ 2 बच्चों तक सीमित है ।
- योजना का लाभ पुत्री एवं प्रस्तावित वर के क्रमशः 18 वर्ष एवं 21 वर्ष की निर्धारित आयु पूर्ण करने पर देय होगा।
जैसा की हम अभी तक यह स्पष्ट रूप से समझ चुके है कि कन्या विवाह सहायता योजना उन समस्त परिवारों को लाभ पहुचती है जो कि निर्माण कार्य मे पंजीकृत है एवं ऊपर बताई गई अन्य सभी पात्रता शर्तों को भी पूर्ण करते है ।
4. कन्या विवाह सहायता योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- बेटी ओर दूल्हे की उम्र के सत्यापन के लिए स्व-सत्यापित जन्म प्रमाण पत्र / स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र / परिवार रजिस्टर की प्रति ।
- विवाह कार्ड(विवाह पत्रिका) स्थानीय ग्राम प्रधान/तहसीलदार/पार्षद/पार्षद द्वारा प्रमाणित एवं सत्यापित होना चाहिए।
- यदि बेटी को गोद लिया गया है तो उससे संबंधित अभिलेख प्रमाणित होते हैं
- लाभार्थी पंजीकृत श्रमिक का परिवार रजिस्टर/राशन कार्ड या उसके समकक्ष अभिलेख।
- विवाह करने वाले दूल्हा-दुल्हन की फोटो की स्वप्रमाणित प्रति, मजदूर द्वारा सत्यापित
- पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिनों के लिए भवन और अन्य निर्माण प्रक्रियाओं में काम करने के लिए निर्धारित प्रारूप में रोजगार / स्व-घोषणा प्रमाण पत्र।
- पंजीकृत श्रमिक को स्व-घोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा कि उसे राज्य अथवा केन्द्र सरकार के अधीन संचालित किसी भी समान योजना में लाभ नहीं मिला है।
- स्तर द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की एक प्रति आवश्यक अभिलेख के रूप में आवश्यक होगी।
5. कन्या विवाह सहायता योजना के आवेदन कि प्रक्रिया
- विवाह सम्पन्न होने के एक वर्ष के अन्दर लोक सेवा केन्द्र/बोर्ड की वेबसाइट पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जा सकता है ।
- सामूहिक विवाह की स्थिति में निर्धारित तिथि से 15 दिन पूर्व तक आवेदन इसी वेबसाइट पर किया जा सकता है।
- वे सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे, जो बोर्ड के नवीनतम विधिवत पंजीकृत सदस्य हों, साथ ही ऐसे पंजीकृत निर्माण श्रमिक अथवा पंजीकृत महिला श्रमिक की पुत्री की आयु स्वयं से कम नहीं होनी चाहिए। सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित आयु। ऐसे अद्यतन पंजीकृत निर्माण श्रमिक जिन्होंने पंजीकरण के बाद बोर्ड की सदस्यता कम से कम एक वर्ष (365 दिन) पूरी कर ली हो, इस योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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6. कन्या विवाह सहायता योजना के इस आर्टिकल का सारांश
दोस्तों हमने कन्या विवाह सहायता योजना के बारे मे अभी तक सभी आवश्यक बातों को जिन्हे इस योजना मे पात्रता के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा माँगा गया है क्रमवार तरीके से समझा है ।
अगर हम सीधे तोर पर समझने का प्रयास करे तो हम दो ही बाते समझ सकते है जिससे आपकी कन्या विवाह सहायता योजना मे पात्रता या अपात्रता पता चल सकती है
- निर्माण श्रमिक द्वारा पंजीकरण के बाद बोर्ड की सदस्यता अवधि कम से कम 365 दिन पूर्ण होनी चाहिए। अर्थात आवेदक श्रमिक नवीन पंजीयन मे 1 वर्ष काम किया होना अनिवार्य है ।
- बेटी ओर दूल्हे कि आयु सरकार के समक्ष दस्तावेजी प्रमाणों के साथ वयस्क (18 वर्ष एवं 21 वर्ष) होना चाहिए ।
अगर इनमे से एक भी कम हुआ तो आप सीधे ही इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे ।
आप हमारे यह आर्टिकल भी पड़ सकते है
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना – 2023
FAQs ?
क्या यह योजना समान जाति मे विवाह के ही लिए है ?
नहीं ! यह योजना अंतर जातीय विवाह के लिए भी है एवं अंतरजातीय विवाह के लिए रु. आर्थिक सहायता के रूप में 61,000/- (इकसठ हजार रूपये मात्र) की धनराशि प्रदान की जायेगी।
लाभार्थियों को कितनी राशि का भुगतान किया जाएगा?
सभी आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूर्ण करने पर पंजीकृत निर्माण श्रमिक को उसकी स्वयं की पुत्री अथवा पंजीकृत निर्माण महिला श्रमिक के विवाह के लिए आर्थिक सहायता के रूप मे रुपए 55000/-(पचपन हजार रुपए) दिए जाएंगे ।
अंतरजातीय विवाह के लिए रु. आर्थिक सहायता के रूप में 61,000/- (इकसठ हजार रूपये मात्र) की धनराशि प्रदान की जायेगी।
सामूहिक विवाह के मामले में, एक ही स्थान पर न्यूनतम 11 जोड़ों का विवाह एक साथ आयोजित होने की स्थिति में, बोर्ड द्वारा बेटी की शादी के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 65,000 (पैसठ हजार रूपये मात्र) प्रदान किये जायेंगे
वर एवं वधु की पोशाक क्रय हेतु धनराशि सामूहिक विवाह की प्रस्तावित तिथि से 1 सप्ताह पहले 5000/- प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक के खाते में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे
आवेदन कोन कर सकता है
अविवाहित ,तलाकशुदा एवं विधवा महिलाएं आवेदन कर सकती है
किस प्रकार के दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
1. बेटी ओर दूल्हे की उम्र के सत्यापन के लिए स्व-सत्यापित जन्म प्रमाण पत्र / स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र / परिवार रजिस्टर की प्रति ।
2. विवाह कार्ड(विवाह पत्रिका) स्थानीय ग्राम प्रधान/तहसीलदार/पार्षद/पार्षद द्वारा प्रमाणित एवं सत्यापित होना चाहिए।
3. यदि बेटी को गोद लिया गया है तो उससे संबंधित अभिलेख प्रमाणित होते हैं
4. लाभार्थी पंजीकृत श्रमिक का परिवार रजिस्टर/राशन कार्ड या उसके समकक्ष अभिलेख।
5. विवाह करने वाले दूल्हा-दुल्हन की फोटो की स्वप्रमाणित प्रति मजदूर द्वारा सत्यापित
6. पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिनों के लिए भवन और अन्य निर्माण प्रक्रियाओं में काम करने के लिए निर्धारित प्रारूप में रोजगार / स्व-घोषणा प्रमाण पत्र।
7. पंजीकृत श्रमिक को स्व-घोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा कि उसे राज्य अथवा केन्द्र सरकार के अधीन संचालित किसी भी समान योजना में लाभ नहीं मिला है।
8. स्तर द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की एक प्रति आवश्यक अभिलेख के रूप में आवश्यक होगी।